हार्ट ब्लॉकेज कैसे पता करें? पूरी जानकारी – Dr. Amit Singh
(डॉ. अमित सिंह, कार्डियोलॉजिस्ट, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई )
परिचय
हार्ट ब्लॉकेज (Heart Blockage) एक गंभीर समस्या है जो हृदय की धमनियों में रुकावट के कारण होती है। यह रुकावट धीरे-धीरे विकसित होती है और अगर समय रहते इसका पता न लगाया जाए तो यह हार्ट अटैक या अन्य हृदय रोगों का कारण बन सकती है।
डॉ. अमित सिंह, जो कि कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई में कार्डियोलॉजिस्ट हैं, बताते हैं कि “हार्ट ब्लॉकेज की पहचान शुरुआती लक्षणों से की जा सकती है, लेकिन कई मामलों में यह बिना किसी संकेत के भी विकसित हो सकती है। सही समय पर जांच और निदान से हृदय रोगों को रोका जा सकता है।”
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण क्या होते हैं, इसे कैसे पहचाना जा सकता है, और किन टेस्ट्स से इसका सही पता लगाया जाता है।
हार्ट ब्लॉकेज क्या होता है?
हार्ट ब्लॉकेज तब होता है जब हृदय की धमनियों (Coronary Arteries) में कोलेस्ट्रॉल, वसा और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा आती है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहा जाता है।
अगर यह रुकावट बहुत अधिक हो जाती है, तो यह हृदय को ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने वाले रक्त प्रवाह को बाधित कर सकती है, जिससे हार्ट अटैक या अन्य गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण (Heart Blockage Symptoms)
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण व्यक्ति की उम्र, सेहत और ब्लॉकेज की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं होते, जबकि अन्य में स्पष्ट संकेत दिखाई दे सकते हैं।
1. छाती में दर्द (Chest Pain – Angina)
- यह हार्ट ब्लॉकेज का सबसे आम संकेत है।
- दर्द छाती के बीच या बाईं ओर महसूस हो सकता है।
- यह जकड़न, भारीपन या जलन जैसा महसूस हो सकता है।
- अधिक शारीरिक मेहनत या तनाव लेने पर दर्द बढ़ सकता है।
2. सांस फूलना (Shortness of Breath)
- हल्के व्यायाम या रोज़मर्रा के कामों के दौरान भी सांस फूलना ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है।
- यह तब होता है जब हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
3. थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness)
- बिना किसी कारण के अत्यधिक थकान महसूस होना।
- रोज़मर्रा के कामों में जल्दी थकान आना।
- लंबे समय तक ब्लॉकेज की स्थिति में हृदय को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
4. चक्कर आना और बेहोशी (Dizziness and Fainting)
- अगर हृदय को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है, तो सिर चकराना या बेहोश होना हो सकता है।
- यह खासतौर पर अचानक खड़े होने या शारीरिक गतिविधि के दौरान हो सकता है।
5. दिल की धड़कन का असामान्य होना (Irregular Heartbeat – Arrhythmia)
- दिल की धड़कन बहुत तेज़ (Palpitations) या बहुत धीमी महसूस होना।
- कभी-कभी दिल धड़कने में अनियमितता महसूस हो सकती है।
6. ठंडा पसीना आना (Cold Sweating)
- बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक ठंडा पसीना आना हार्ट ब्लॉकेज का लक्षण हो सकता है।
- यह अक्सर हार्ट अटैक के दौरान भी देखा जाता है।
7. पैरों और टखनों में सूजन (Swelling in Legs and Ankles)
- जब हृदय प्रभावी रूप से रक्त पंप नहीं कर पाता, तो शरीर में द्रव (Fluid) जमा होने लगता है, जिससे पैरों और टखनों में सूजन हो सकती है।
हार्ट ब्लॉकेज का पता कैसे लगाया जाता है? (Diagnosis of Heart Blockage)
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। हार्ट ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:
1. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG – Electrocardiogram)
- यह टेस्ट दिल की धड़कन और इलेक्ट्रिकल गतिविधि को मापता है।
- अगर हृदय की धड़कन असामान्य है या ब्लॉकेज के संकेत हैं, तो ECG इसे दिखा सकता है।
2. ट्रोपोनिन टेस्ट (Troponin Test)
- यह ब्लड टेस्ट दिल की मांसपेशियों में क्षति (damage) को मापने के लिए किया जाता है।
- हार्ट अटैक की स्थिति में ट्रोपोनिन का स्तर बढ़ जाता है।
3. इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram – ECHO)
- यह एक अल्ट्रासाउंड टेस्ट है जो हृदय की संरचना और पंपिंग क्षमता की जांच करता है।
4. ट्रेडमिल टेस्ट (TMT – Stress Test)
- यह टेस्ट व्यायाम के दौरान दिल की प्रतिक्रिया को मापता है।
- ब्लॉकेज की गंभीरता का पता लगाने के लिए किया जाता है।
5. कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary Angiography)
- यह सबसे सटीक टेस्ट है जो धमनियों में ब्लॉकेज की स्थिति को स्पष्ट रूप से दिखाता है।
- इसके जरिए डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि कौन सा इलाज सबसे बेहतर होगा।
किन लोगों को हार्ट ब्लॉकेज का ज्यादा खतरा है?
डॉ. अमित सिंह बताते हैं कि निम्नलिखित कारणों से हार्ट ब्लॉकेज का खतरा बढ़ सकता है:
✅ 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग
✅ धूम्रपान करने वाले
✅ डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज
✅ ज्यादा कोलेस्ट्रॉल वाले लोग
✅ अत्यधिक तनाव और व्यायाम की कमी
✅ अस्वस्थ खानपान और मोटापा
हार्ट ब्लॉकेज से बचाव कैसे करें? (Prevention of Heart Blockage)
हार्ट ब्लॉकेज को रोका जा सकता है अगर हम सही जीवनशैली अपनाएँ।
1️⃣ स्वस्थ आहार लें – अधिक फल, सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन करें।
2️⃣ धूम्रपान और शराब से बचें – ये हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
3️⃣ नियमित व्यायाम करें – हृदय को मजबूत बनाए रखने के लिए रोजाना 30-45 मिनट वॉक करें।
4️⃣ तनाव कम करें – मेडिटेशन और योग करें।
5️⃣ नियमित जांच कराएं – हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ECG और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराएं।
निष्कर्ष
हार्ट ब्लॉकेज एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन इसे समय रहते पहचाना और रोका जा सकता है। अगर आपको सांस फूलना, छाती में दर्द या थकान जैसी समस्याएँ हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ. अमित सिंह कहते हैं, “सही समय पर जांच और जीवनशैली में सुधार से हार्ट ब्लॉकेज को रोका जा सकता है। स्वस्थ हृदय, स्वस्थ जीवन का आधार है।”
👉 अपने दिल का ख्याल रखें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं!