हार्ट अटैक किसी भी उम्र में आ सकता है, लेकिन कुछ खास कारक इसकी संभावना को प्रभावित करते हैं। आमतौर पर, यह देखा गया है कि 40 से 60 साल के बीच के व्यक्तियों में हार्ट अटैक की घटनाएँ ज्यादा होती हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से व्यक्ति की जीवनशैली, आहार, जीन, और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।
हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाने वाले कारक:
- उम्र: उम्र बढ़ने के साथ दिल की सेहत पर असर पड़ता है। 45 साल के बाद पुरुषों में और 55 साल के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- पारिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी है, तो आपका जोखिम बढ़ सकता है।
- धूम्रपान और शराब: धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने से दिल पर दबाव पड़ता है और रक्तवाहिकाओं में ब्लॉकेज हो सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
- स्वास्थ्य समस्याएँ: जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, और उच्च कोलेस्ट्रॉल, ये सभी हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- अस्वस्थ जीवनशैली: खराब आहार, शारीरिक निष्क्रियता, और मानसिक तनाव हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
युवा उम्र में हार्ट अटैक:
आजकल, युवा लोगों में भी खराब जीवनशैली और तनाव के कारण हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। अत्यधिक शराब, धूम्रपान, अस्वस्थ आहार, और व्यायाम की कमी के कारण 30 साल या उससे कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक की घटनाएँ देखने को मिल रही हैं।
इसलिए, भले ही आपको अपनी उम्र की वजह से कम जोखिम महसूस हो, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित जांच कराना बेहद महत्वपूर्ण है।