नस ब्लॉकेज के क्या लक्षण हैं? पूरी जानकारी
लेखक: डॉ. अमित सिंह, कार्डियोलॉजिस्ट, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई
हमारा शरीर हजारों नसों (Blood Vessels) के नेटवर्क से जुड़ा होता है, जो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाती हैं। लेकिन जब नसों में रुकावट (Blockage) आ जाती है, तो रक्त संचार बाधित हो जाता है, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
आज इस लेख में, मैं आपको नस ब्लॉकेज के लक्षण, इसके कारण, जांच और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताने जा रहा हूँ। अगर समय रहते नस ब्लॉकेज को पहचाना जाए, तो बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।
नस ब्लॉकेज क्या होता है?
नस ब्लॉकेज तब होता है जब धमनियों (Arteries) या शिराओं (Veins) में कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम, फैट और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है।
ब्लॉकेज की स्थिति में शरीर के विभिन्न अंगों को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे दिल का दौरा (Heart Attack), लकवा (Stroke) या अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
नस ब्लॉकेज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:
- धमनी ब्लॉकेज (Arterial Blockage) – यह हृदय (Heart), मस्तिष्क (Brain) और पैरों की नसों को प्रभावित कर सकता है।
- शिरा ब्लॉकेज (Venous Blockage) – यह रक्त को हृदय तक वापस ले जाने वाली नसों में होता है और डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) जैसी स्थितियां उत्पन्न कर सकता है।
नस ब्लॉकेज के मुख्य लक्षण
नस ब्लॉकेज के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि ब्लॉकेज किस नस या अंग में हुआ है। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है।
1. छाती में दर्द या जकड़न (Chest Pain or Tightness)
- यह लक्षण कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज (Coronary Artery Blockage) में दिखाई देता है।
- जब हृदय की धमनियाँ संकरी हो जाती हैं, तो रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे छाती में दर्द, भारीपन या जलन महसूस हो सकती है।
- यह दर्द अक्सर व्यायाम करने, सीढ़ियाँ चढ़ने या भावनात्मक तनाव के दौरान बढ़ जाता है।
2. पैरों में दर्द और सुन्नपन (Leg Pain and Numbness)
- अगर पैरों की धमनियों (Peripheral Artery Disease – PAD) में ब्लॉकेज हो गया है, तो पैरों में तेज दर्द, जलन और ठंडक महसूस हो सकती है।
- कुछ लोगों को चलते समय पैरों में ऐंठन या कमजोरी महसूस होती है, जिसे क्लॉडिकेशन (Claudication) कहा जाता है।
3. सांस लेने में दिक्कत (Shortness of Breath)
- अगर हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज है, तो फेफड़ों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचता, जिससे सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
- सीढ़ियाँ चढ़ते या हल्का व्यायाम करते समय यह समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
4. चक्कर आना और सिर दर्द (Dizziness and Headache)
- ब्रेन में रक्त प्रवाह बाधित होने पर चक्कर आ सकते हैं।
- नस ब्लॉकेज के कारण अचानक सिर दर्द या बेहोशी भी हो सकती है।
- यह लकवे (Stroke) के संकेत हो सकते हैं, जिनमें तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।
5. हाथों और पैरों में ठंडापन (Cold Hands and Feet)
- अगर रक्त प्रवाह सही तरीके से हाथों और पैरों तक नहीं पहुंच रहा है, तो वे ठंडे महसूस हो सकते हैं।
- पैरों और हाथों में झुनझुनी महसूस हो सकती है।
6. शरीर के किसी एक हिस्से में कमजोरी (Weakness on One Side of the Body)
- मस्तिष्क की धमनियों में ब्लॉकेज होने पर शरीर के किसी एक तरफ सुन्नपन या कमजोरी आ सकती है।
- यह संकेत माइग्रेन, स्ट्रोक या ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक (TIA – मिनी स्ट्रोक) का हो सकता है।
7. त्वचा का रंग बदलना (Skin Discoloration)
- नस ब्लॉकेज के कारण त्वचा नीली या बैंगनी दिख सकती है।
- पैरों में रक्त संचार कम होने पर त्वचा पीली या फीकी पड़ सकती है।
8. नसों में सूजन और दर्द (Swelling and Pain in Veins)
- शिराओं में ब्लॉकेज (DVT – Deep Vein Thrombosis) होने पर प्रभावित जगह पर सूजन हो सकती है।
- पैरों में लालिमा, गर्माहट और तेज दर्द हो सकता है।
नस ब्लॉकेज का पता कैसे लगाया जाता है? (Diagnosis of Nerve Blockage)
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नस ब्लॉकेज की पुष्टि के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:
1. डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler Ultrasound)
- यह परीक्षण नसों में रक्त प्रवाह को मापने के लिए किया जाता है।
- इससे यह पता लगाया जा सकता है कि ब्लड फ्लो में कोई रुकावट है या नहीं।
2. एंजियोग्राफी (Angiography)
- इसमें नसों में एक विशेष डाई (Contrast Dye) डाली जाती है और एक्स-रे के माध्यम से ब्लॉकेज का पता लगाया जाता है।
- यह सबसे सटीक टेस्ट माना जाता है।
3. एमआरआई और सीटी स्कैन (MRI & CT Scan)
- मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लॉकेज की जाँच के लिए ये टेस्ट किए जाते हैं।
4. ब्लड टेस्ट (Blood Test)
- कोलेस्ट्रॉल और शुगर का स्तर मापने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।
- D-Dimer टेस्ट से नसों में रक्त के थक्कों (Blood Clots) की पहचान की जा सकती है।
नस ब्लॉकेज से बचने के उपाय (Prevention of Nerve Blockage)
नस ब्लॉकेज को रोका जा सकता है अगर हम सही जीवनशैली अपनाएँ।
✅ स्वस्थ आहार लें – अधिक फल, सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन करें।
✅ धूम्रपान और शराब से बचें – ये हृदय और नसों को नुकसान पहुंचाते हैं।
✅ नियमित व्यायाम करें – रक्त संचार को सही बनाए रखने के लिए रोजाना 30-45 मिनट वॉक करें।
✅ तनाव कम करें – मेडिटेशन और योग करें।
✅ नियमित हेल्थ चेकअप कराएं – विशेष रूप से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जाँच कराएं।
निष्कर्ष
नस ब्लॉकेज एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन इसे समय रहते पहचाना और रोका जा सकता है। अगर आपको छाती में दर्द, सांस फूलना, पैरों में दर्द या चक्कर आने जैसी समस्याएँ हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
“समय पर सही जाँच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से नस ब्लॉकेज से बचा जा सकता है। आपके दिल और शरीर की नसें जितनी स्वस्थ होंगी, आपका जीवन उतना ही बेहतर होगा।”
👉 अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और नियमित जांच करवाते रहें!