हार्ट पेशेंट को पानी कम क्यों पीना चाहिए?

हार्ट पेशेंट को पानी कम क्यों पीना चाहिए?

भूमिका

जल हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हार्ट पेशेंट को पानी की मात्रा नियंत्रित रखनी चाहिए? पानी शरीर को डिटॉक्स करता है, लेकिन जब हृदय से जुड़ी समस्याएँ होती हैं, तो अधिक पानी पीना नुकसानदेह हो सकता है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि हृदय रोगियों को पानी कम क्यों पीना चाहिए, कितना पानी सुरक्षित होता है और किन सावधानियों का पालन करना चाहिए।


हार्ट पेशेंट को अधिक पानी पीने से क्या नुकसान हो सकता है?

  1. पानी अधिक पीने से हार्ट पर प्रेशर बढ़ सकता है
    जब शरीर में अतिरिक्त पानी जमा हो जाता है, तो ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाता है। इससे हृदय को अधिक पंपिंग करनी पड़ती है, जिससे उसकी कार्यक्षमता पर दबाव पड़ता है। यह स्थिति खासतौर पर कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर (CHF) के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है।
  2. फेफड़ों में फ्लूइड जमा हो सकता है (पल्मोनरी एडिमा)
    अधिक पानी पीने से शरीर में फ्लूइड बैलेंस बिगड़ सकता है और फेफड़ों में पानी भर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
  3. ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है
    अत्यधिक पानी पीने से ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
  4. किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है
    हार्ट पेशेंट्स में किडनी की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है। अगर शरीर में पानी अधिक होगा, तो किडनी को इसे फिल्टर करने में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी, जिससे किडनी पर दबाव बढ़ सकता है।

हार्ट पेशेंट को कितना पानी पीना चाहिए?

डॉक्टर की सलाह के अनुसार पानी पिएं

  • सामान्यतः हार्ट पेशेंट को प्रतिदिन 1.5 से 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है।
  • लेकिन यह मात्रा व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और मौसम पर निर्भर करती है।

प्यास लगने पर ही पानी पिएं

  • ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीने से शरीर में सोडियम की मात्रा असंतुलित हो सकती है।
  • केवल तभी पानी पिएं जब आपको प्यास महसूस हो या डॉक्टर द्वारा निर्देशित हो।

फ्लूइड इनटेक का ध्यान रखें

  • सिर्फ पानी ही नहीं, बल्कि चाय, कॉफी, जूस, और अन्य तरल पदार्थों का भी हिसाब रखें।
  • डॉक्टर से परामर्श लेकर कुल फ्लूइड इनटेक निर्धारित करें।

हार्ट पेशेंट के लिए पानी पीने से जुड़ी सावधानियाँ

  1. रात में सोने से ठीक पहले अधिक पानी न पिएं, इससे नाइट में पेशाब की अधिक समस्या हो सकती है।
  2. बहुत ठंडा पानी पीने से बचें, यह हार्ट पेशेंट के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  3. अगर पैरों में सूजन (एडिमा) हो रही हो, तो पानी का सेवन सीमित करें
  4. नमक की मात्रा को नियंत्रित करें, क्योंकि अधिक नमक पानी रोककर शरीर में सूजन पैदा कर सकता है।
  5. अगर सांस फूलने लगे या अचानक वजन बढ़ने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष

हार्ट पेशेंट्स को पानी संतुलित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार पीना चाहिए। अधिक पानी पीने से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, जिससे फेफड़ों और किडनी से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें और शरीर की जरूरत के अनुसार पानी का सेवन करें।


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